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उत्तर प्रदेश विधानसभा में मिला पाउडर PETN नहीं सिलिका निकला

गाज लखनऊ एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय पर गिर चुकी है जिन्होंने सफेद पाउडर को विस्फोटक बताने वाली गलत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी थी।

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गाज लखनऊ एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय पर गिर चुकी है जिन्होंने सफेद पाउडर को विस्फोटक बताने वाली गलत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी थी।

उत्तर प्रदेश सरकार खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बड़ी संकोच वाली हालत है। विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री ने पूरे जोश से कहा था कि विधानसभा को उड़ाने की साजिश रची गई । विधानसभा के अंदर PETN पाउडर मिला जो पूरे विधानसभा को उड़ा सकता था। लेकिन अब पता चला कि वो पाउडर पीईटीएन नहीं सिलिका था। गलती मुख्यमंत्री की नहीं लखनऊ के फोरेंसिक साइंस लैब की है। जिस किट से पाउडर का टेस्ट किया गया वो किट एक्सपायर्ड थी इसलिए सफेद पाउडर का रिजल्ट पीईटीएन बता दिया।

एफएसएल की रिपोर्ट पर भरोसा कर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में एलान कर दिया और असेंबली की सुरक्षा जबरदस्त बढा दी गई। 12 जुलाई को विधानसभा के अंदर मिले पाउडर ने सनसनी मचा दी थी। एनआईए की टीम विधान सभा के अंदर जांच करने पहुंच गई। जब उसी पाउडर की जांच हैदराबाद के एफएसएल लैब में की गई तो पता चला कि सफेद पाउडर विस्फोटक नहीं था। अब एनआईए इस पूरे मामले को बंद करने वाली है। गाज लखनऊ एफएसएल के डायरेक्टर श्याम बिहारी उपाध्याय पर गिर चुकी है जिन्होंने सफेद पाउडर को विस्फोटक बताने वाली गलत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी थी। उन्हें हटा दिया गया है।

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